बेटी…!
शादी करके विदा कर दी जाती है
बेटी रहती नहीं फिर घर की
पराई कर दी जाती है,
ससुराल में जो भी साथ होता है
सब मुस्कुरा कर सह जाती है,
माँ पूछे हाल कभी तो ठीक ही बताती है,
न जाने बेटी पल भर में कैसे
इतनी बड़ी हो जाती है,
घोंट लेती है आसूं अपने
मगर फिर अपने घर को कभी
लौट नहीं पाती है,
माँ ने कहा था एक दफा,
“घर से ब्याही लड़की पराई हो जाती है”
पति की मार, सास के ताने
घर को बनाए रखने के लिए खाती है,
सब्र का बाँध तो टूटना ही था एक दिन
इस जहां को न चाहते हुए भी
वो अलविदा कह जाती है…!
~ गरिमा प्रसाद 🥀