बेटी….
मां….
मैं तुम्हारी कोख में पल रही
नन्ही सी कली
हर घर की परी
सृष्टि की अनोखी कृति हूं।
मेरे बिन इस जग की
अस्तित्व कहा….
मेरे बिन सुनी हैं..
मां की ममता
पत्नी की प्यार
बहनों की स्नेह
भाई के कलाई
फिर क्यों…
मुझ नन्ही सी जान को
अभिशाप माना जाता है
इस दुनियां में आने से पहले
छाप मिटाना चाहता है।
मैं न रहूं इस दुनियां में
तों क्या होगा….
प्रश्न गम्भीर है पर चिंतन करना होगा
सब सुख पाना है अगर
तों मुझ इस नन्ही सी जान को
इस दुनियां में आना होगा…
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चंद्र प्रकाश पटेल
ओखर (मस्तुरी)
जिला-बिलासपुर(छ.ग.)
7879118781