बेटी ही बेटी है सबकी, बेटी ही है माँ
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार
बेटी है राष्ट्र की गौरव, बेटी ही भारत की शान
बेटी है भारत की गाथा, बेटी पर अभिमान
बेटी से घर बार है सबका, बेटी से सम्मान
बेटी ही है प्रेम पुजारिन, बेटी ही भगवान्
बेटी ही शब्दों की ममता, बेटी ही मान
बेटी ही बेटी है सबकी, बेटी ही है माँ
रखना लाज़ बेटी का सबका धर्म है यार