बेटी लगन (मोतिया बरण वर खोजबै यौ बाबा)
बेटी लगन
(मोतिया बरण वर खोजबै यौ बाबा)
मैथिली गीत
मोतिया बरण वर खोजबै यौ बाबा,
फुलबा एहन सुकुमार यौ।
मोतिया बरण वर खोजबै यौ बाबा,
फुलबा एहन सुकुमार यौ।
यौ बाबा, फुलबा एहन सुकुमार यौ।
घर पछुअरबा में चंदन के गछिया सऽ,
ताहि तर पलंग ओछायल यौ।
ताहि तर सुतलनि बाबा से,अपन बाबा,
आवि गेलऽ सुख केऽ रेऽ नींद यौ।
उठबऽ जेऽ गेलखिन्ह बेटी से सीता बेटी,
उठु बाबा भैय गेऽल परात यौ।
जिनका घर आ हो बाबा बेटी कुमारी छनि,
सेहो कोना सुतल निसचिन्त यौ।
एतवा बचन जब सुनलनि बाबा,
धैय लेल घोड़ा केऽ लगाम यौ,
मोतिया बरण वर खोजबै यौ बाबा,
फुलबा एहन सुकुमार यौ।
उत्तर खोजल बेटी, दक्खिन में खोजल,
खोजी लेलहुँ मगहा मुंगेर हे,
तोहर जुगुत बेटी बर नहिं भेटल,
भेटि गेल शयामल कुमार हे ।
बेटी! भेटि गेल शयामल कुमार हे ।
शयामल कुमार जुनि कहियौ यौ बाबा,
हमरा लेल छैथ भगवान यौ।
मोतिया बरण वर खोजबै यौ बाबा,
फुलबा एहन सुकुमार यौ।
मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित।
© ® निरुपमा कर्ण
पटना (बिहार)
तिथि – १९ /१० /२०२१
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