बेटी मजदूर की
सुबह ब्रह्ममुहूर्त में
पानी लाती है
चाय कलेवा बना
साफ सफाई
चौका बर्तन
झाड़ू पौछा
फिर क्या करती होगी
मुझे पता नही, पर
जब शाम को जब मैं
लौटता हूँ स्कूल से
सिर पर गठ्ठा लिए
घास का
घर लौटती मिलती है
बेटी मजदूर की
विजय बेशर्म
गाडरवारा 9424750038