बेटी – एक वरदान
दिन है मुबारक आज, खिली थी एक कली,
खुशबु लेकर आई हमारे जीवन में नन्ही परी।
घर में सबसे छोटी, है बहुत ही खोटी,
गुस्सा नाक पर चढ़ा, आँखों में बहती नदी।
ये रूप है इसका निराला, जब बात हो घर की,
नहीं सह सकती कोई तकलीफ़ मम्मी-पापा की।
दीदीयों की लाड़ली, जीजाओं की राजदुलारी ,
पलकों पर सब रखें इसे, है ये सबकी प्यारी।
झेलते हुए उतार चढाव, हुई हर तपस्या पूरी,
मेहनत रंग लाई, डॉक्टर बन सबकी शान बढ़ाई।
मरीजों के साथ, डॉक्टर की रूपरेखा है इसकी निराली,
मज़बूत व्यक्तित्व, संतुलित व्यवहार है इसकी खूबी।
जुग-जुग जियो मेरी लाड़ो, करो खूब तरक्की,
साल का हर दिन हो खुशियों भरा, हो हर तमन्ना पूरी।
मम्मी-पापा दे रहे जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई,
ढेरों आशीर्वाद-प्यार के साथ, हर काम पर मिले कामयाबी।