बेटियाँ
कब तक बंद करोगे
चार दिवारी में इन्हें
अपने झूठी मान
झूठी शान के लिये
मार देते हो इनको
आने से पहले
क्या है इनका दोष
बता दो एक बार
कब तक बंद करोगे
मत रोको इनकी उड़ान
बदल देगी तुम्हारी पहचान
खुल कर जीने दो इन्हें
बना लेगी अपना स्थान
बढ़ा देगी देश का मान
है ये बेटियाँ हमारी महान
कर देगी देश का कल्याण
उतार दो मुखौटा तुम अपना
गिरगिट वाला आगे आओ
इन्हें बचाओ इन्हें पढ़ाओ
यही है असली मान सम्मान
इन्हीं में छुपा है
तुम्हारा अभिमान ।
डॉ मनोज कुमार
मोहन नगर,गाजियाबाद