बेटियाँ
घर आंगन में खिलती सदाबहार सी बेटियाँ
सुबह की पहली किरण सी चंचल बेटियाँ
सदा चहकती हुई चिड़िया सी बेटियाँ
हर घर में उजियारा लाती है बेटियाँ
जिस आंगन में खेलती बेटियाँ
शोभा हरदम बढ़ाती बेटियाँ
जाने कब बड़ी हो जाती
हो जाती पराई ये बेटियाँ
मुख पर मृदु मुस्कान होंठों पर गीत
ममता के आँचल में पली बेटियाँ
परिवार की जान दो घर की शान
त्याग सेवा समर्पण की पहचान
सम्बन्ध संस्कारो की पावन डोर बेटियाँ
जीवन के प्रवाह में कठिन राह पर
सदा मुस्कुराती हुई सी बेटियाँ
हरदम संभल जाती है बेटियाँ
जीवन राह पर आगे बढ़ जाती बेटियाँ
साहस दिखलाकर युग परिवर्तन कर
नई मिसाल कायम कर देती बेटियाँ
हर वक्त संवर जाती है बेटियाँ |
नेहा
खैरात (अलवर) राजस्थान