!!बेटा और बेटी – एक समान !!
बेटा वारस है, तो बेटी पारस है.
बेटा वंश है, तो बेटी अंश है.
बेटा आन है, तो बेटी शान है.
बेटा तन है, तो बेटी मन है.
बेटा मान है, तो बेटी गुमान है.
बेटा संस्कार है, तो बेटी संस्क्रति है.
बेटा आग है, तो बेटी बाग है.
बेटा दवा है, तो बेटी दुआ है.
बेटा भाग्य है, तो बेटी विधाता है.
बेटा शब्द है, तो बेटी अर्थ है.
बेटा गीत है, तो बेटी संगीत है.
बेटा प्रेम है, तो बेटी पुजा है.
कुछ भी हो बेटी तो बेटी है
पर बेटा भी तो बेटा ही है न
हर घर की शान भी तो है
पर कभी दोनों में अंतर न करो
प्यार से दोनों को सदा सींचो !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ