बेजुबान जानवर अपने दोस्त
जिस प्रकार हवाओं का कोई किनारा नहीं होता है
उसी प्रकार बेजुबान जानवरो का कोई सहारा नहीं होता है
मानते हैं कि बेजुबान जानवर बोल नहीं सकते
लेकिन वो इंसानों के हर भाव को समझ तो सकते है
जब घर में छोटे बच्चे का पालन पोषण किया जाता है
ठीक उसी प्रकार अगर कोइ छोटे जानवर का भी पालन पोषण करे उनसे दोस्ती करे
तो वो भी अपने बहुत करीब हो जाते हैं
जानवरो को सड़को के किनारे मार देते है
ऐसा बहुत गलत होता है क्योंकी
उनका भी समूह, परिवार होता है।
जानवरो का आज के दौर में ये है हाल
कि इंसान ही बन गया है उनका सबसे बड़ा काल
मनोज तानाण
(Manoj Tanan)