बेचैन करने वाले सवाल
अपनी मर्ज़ी के मुताबिक़
जीने-मरने का हक़ हमसे
आख़िर छिना था किसने?
अपने आप के लिए कुछ
करने-धरने का हक़ हमसे
आख़िर छिना था किसने?
इस देश और समाज के
पूरे के पूरे सिस्टम को
क़ब्ज़े में रखने के लिए!
अपने टैलेंट के दम पर
आगे बढ़ने का हक़ हमसे
आख़िर छिना था किसने?
Shekhar Chandra Mitra
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