–@ बेचा ही नही जाता @–
दुःख को कभी बेचा नही जाता
सुख को कहीं से खरीदा नही जाता
अपने ही कर्म करते हैं हिसाब सारा
फिर भी बन्दे की समझ में नही आता !!
छुपा के करो या करो सामने
वहां किसी तरह का भ्रम नही जाता
सब कुछ बिक सकता है यहाँ
पर करों का हिसाब बिक नही पाता !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ