Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Oct 2023 · 1 min read

बुला रही है सीता तुम्हारी, तुमको मेरे रामजी

(शेर)- कब आयेगा रामराज, कब सुरक्षित होगी सीता भारत में।
कब पैदा होना बंद होंगे रावण, हे राम तुम्हारे भारत में।।
———————————————————-
बुला रही है सीता तुम्हारी, तुमको मेरे राम जी।
लुट रही है सीता तुम्हारी, अब भी मेरे राम जी।।
ओ मेरे राम जी——————–(2)
बुला रही है सीता तुम्हारी ——————-।।

चीरहरण सीता का आज भी, हो रहा है सरेआम।
आबरू सीता की आज भी, लुट रही है सरेआम।।
आज भी जिन्दा है हजारों, रावण मेरे राम जी।
लुट रही है सीता तुम्हारी , अब भी मेरे राम जी।।
ओ मेरे राम जी——————–(2)
बुला रही है सीता तुम्हारी —————–।।

अपनों के हाथों अपने घर, जल रही है सीता आज।
रस्मों- रिवाजों में भी बलि, चढ़ रही है सीता आज।।
रक्षक ही भक्षक बन गये हैं, अब तो मेरे राम जी।
लुट रही है सीता तुम्हारी, अब भी मेरे राम जी।।
ओ मेरे राम जी——————–(2)
बुला रही है सीता तुम्हारी—————–।।

नहीं है सुरक्षित मासूम बच्चियां, आजाद हिंदुस्तान में।
क्यों है सीता पर जुल्मों- सितम, आजाद हिंदुस्तान में।।
नहीं मिल रहा न्याय सीता को, अब भी मेरे राम जी।
लुट रही है सीता तुम्हारी, अब भी मेरे राम जी।।
ओ मेरे राम जी——————–(2)
बुला रही है सीता तुम्हारी ——————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

3705.💐 *पूर्णिका* 💐
3705.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
खींचकर हाथों से अपने ही वो सांँसे मेरी,
खींचकर हाथों से अपने ही वो सांँसे मेरी,
Neelam Sharma
फल(कुंडलिया)
फल(कुंडलिया)
Ravi Prakash
धड़कन-धड़कन साँस-साँस कुछ कहती है,
धड़कन-धड़कन साँस-साँस कुछ कहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेम सच्चा अगर नहीं होता ।
प्रेम सच्चा अगर नहीं होता ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
Below the earth
Below the earth
Shweta Soni
Noone cares about your feelings...
Noone cares about your feelings...
Suryash Gupta
जीवन में आनंद लाना कोई कठिन काम नहीं है बस जागरूकता को जीवन
जीवन में आनंद लाना कोई कठिन काम नहीं है बस जागरूकता को जीवन
Ravikesh Jha
*तू बन जाए गर हमसफऱ*
*तू बन जाए गर हमसफऱ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बथुवे जैसी लड़कियाँ /  ऋतु राज (पूरी कविता...)
बथुवे जैसी लड़कियाँ / ऋतु राज (पूरी कविता...)
Rituraj shivem verma
कौन है वो .....
कौन है वो .....
sushil sarna
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
* प्रीति का भाव *
* प्रीति का भाव *
surenderpal vaidya
खुशहाल ज़िंदगी की सबसे ज़रूरी क्रिया-
खुशहाल ज़िंदगी की सबसे ज़रूरी क्रिया-"शूक्रिया।"
*प्रणय*
जिंदगी रुठ कर इस कदर कहाँ जाएगी
जिंदगी रुठ कर इस कदर कहाँ जाएगी
VINOD CHAUHAN
विषय:मैं आज़ाद हूँ।
विषय:मैं आज़ाद हूँ।
Priya princess panwar
*बन्नो की सगाई*
*बन्नो की सगाई*
Dr. Vaishali Verma
लघुकथा - दायित्व
लघुकथा - दायित्व
अशोक कुमार ढोरिया
अदाकारी
अदाकारी
Suryakant Dwivedi
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
अंसार एटवी
चेहरा
चेहरा
Rambali Mishra
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
डॉ० रोहित कौशिक
मां।
मां।
Kumar Kalhans
गीत- सिखाए ज़िंदगी हरपल...
गीत- सिखाए ज़िंदगी हरपल...
आर.एस. 'प्रीतम'
बूँद-बूँद से बनता सागर,
बूँद-बूँद से बनता सागर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
लौटना पड़ा वहाँ से वापस
लौटना पड़ा वहाँ से वापस
gurudeenverma198
माँ
माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
बेकसूर तुम हो
बेकसूर तुम हो
SUNIL kumar
कोटेशन ऑफ डॉ . सीमा
कोटेशन ऑफ डॉ . सीमा
Dr.sima
खाली पैमाना
खाली पैमाना
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...