बुरे नहीं है हम
बुरे नहीं है हम
बस हमें सबको अपनी बात सही से समझाना नहीं आता
दोहरे नकाब लगाकर रिश्तें निभाना नहीं आता
नहीं आता है हमें मुस्कुरा कर किसी को ज़हर पिलाना
किसी को गले लगाकर पीठ में खंजर चुभाना।
नहीं आता है हमें…..
हां, माना
हमें मुस्कुराकर शब्दों का बाण चलाना नहीं आता
शब्दों से आहत होने पर अपना गुस्सा छिपाना नहीं आता
नहीं आता है हमें
अपने फायदे के लिए लोगों का इस्तेमाल करना
पीठ पीछे गालियां देना और सामने उनके दुम हिलाना।
नहीं आता है हमें….
जानते हुए किसी को दुश्मन उसे दोस्त बताना नहीं आता
दर्द का सैलाब छिपाकर महफ़िल में मुस्कुराना नहीं आता
नहीं आता है हमें
दिल में नाराज़गी हो फिर भी हंसकर बातें बनाना
सच की कड़वी घूंट पीकर झूठ से लबों को सजाना
हां, नहीं आता है हमें…..
मानती हूं बहुत कुछ नहीं आता है हमें
रिश्तों में राजनीति निभाना भी नहीं आता
औ झूठी तारीफों से किसी को रिझाना भी नहीं आता
हां, थोड़ा मुश्किल है मानना
पर सच….. बुरे नहीं है हम।।
-©®Shikha