बुरा मानता है
ये दिल भी शैतान बच्चे सा है
कहां ये मेरा कहा मानता है,
तेरी तस्बीह पढ़़ता है मुशलशल
तुम्हें ही दुनिया और खुदा मानता है,
हमारे दरमियाँ फ़ासले रहें इस वबा में
और वो हैं जो इस बात का बुरा मानता है,
मैं तस्दीक करता हूं हर एक बात की “लूसी”
एक तुम हो जो कानों का सुना मानता है,