बुरा नहीं मानेंगे ——– गजल/ गीतिका
हे भाई न देगा साथ तो बुरा नहीं मानेंगे।
न डालना अड़चने ,सही तभी मानेंगे।
माना किस्मत खफा है, निभा तू तो वफा ।
हो खता गर हमसे,माफी तुझसे मांगेगे।।
रोटी कपड़ा मकान जो जरूरी हे।
हो रही आवश्यकताएं पूरी है।
किसी की रोजी रोटी पर न डाका डालेंगे।।
हो सकेगा हमसे जितना,करते जाएंगे हम उतना।
हे कर्म पथिक,काम न कोई टालेंगे।।
राजेश व्यास अनुनय