“बुद्धिमानी”
“बुद्धिमानी”
वक्त कभी भी एक जैसा नहीं रहता। इच्छाओं की सड़क बहुत दूर तक जाती है। इंसान की बुद्धिमानी इसी में है कि वह जरूरतों की गली में मुड़ जाए।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
“बुद्धिमानी”
वक्त कभी भी एक जैसा नहीं रहता। इच्छाओं की सड़क बहुत दूर तक जाती है। इंसान की बुद्धिमानी इसी में है कि वह जरूरतों की गली में मुड़ जाए।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति