बुद्धं शरणं गच्छामि
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/98533e15ea4fd1151601e443ffa871da_3012cd99111c65e6cfd7bcd6c1c1f209_600.jpg)
दुःख
बुद्ध की
दृष्टि से
वह कारण है
जिसका निवारण
किया जा सकता है
पर बुद्ध ने
सुख की बात
नहीं की
क्योंकि
दुःख को
जान लेना ही
सुख है।
दुःख
बुद्ध की
दृष्टि से
वह कारण है
जिसका निवारण
किया जा सकता है
पर बुद्ध ने
सुख की बात
नहीं की
क्योंकि
दुःख को
जान लेना ही
सुख है।