” बुढापा “
” बुढापा ”
आँखों में ऐनक
हाथों में लाठी
चेहरे पर झुर्रियाँ
रूहें भी कँपकँपाती
मन में उम्र जितनी
लम्बी यादों का साया,
जीवन के बोझ से
झुकी हुई एक काया।
” बुढापा ”
आँखों में ऐनक
हाथों में लाठी
चेहरे पर झुर्रियाँ
रूहें भी कँपकँपाती
मन में उम्र जितनी
लम्बी यादों का साया,
जीवन के बोझ से
झुकी हुई एक काया।