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4 Jan 2018 · 1 min read

बुजुर्गों की छत्रछाया तले

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हरिगीतिका …छंद
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बुजुर्गों की छत्रछाया तले संस्कार हृदय पलें।
शुभ आशीषों से ग़म कोशों दूर हैं भैया टलें।।
मान दीजिए सदा ही कभी भूलकर न तिरस्कार।
इनके प्यार में ही तो बसता है प्रभु का भी प्यार।।
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राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
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छंद.. हरिगीतिका.. मात्राएँ..28-28
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Language: Hindi
272 Views
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