*बुंदेली दोहा बिषय- डेकची*
बुंदेली दोहा बिषय- डेकची
#राना कत है डेकची , करत सबइ है काम |
चूलै पै चढ़ जात है , करिया करतइ चाम ||
बनत महेरी डेकची , #राना बनतइ खीर |
चाय और सब्जी चुरै , सहै आग से पीर ||
छोटी बड़ी मजोल हैं ,#राना सबकै काम |
हर घर में है डेकची , करत काम अविराम ||
चूले से फुरसत मिलै , #राना नइँ आराम |
भरी जौन हैं डेकची , करैं परस में काम ||
डलिया में सब्जी रखी , धरी – धरी मुस्काय |
#राना घुस के डेकची , चुर- चुर कै खिल जाय ||
***21-11-2022
© राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक- “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
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