बीमार कर रहा
हद से ज्यादा तेरा यूँ मिरा माथा चूमना बीमार कर रहा हमें
आहिस्ता आहिस्ता रोज़ ख़्वाबों में आ कर्ज़दार कर रहा हमें
कुछ तो साज़िश रहा है खुदा का भी मुमकिन यार मिलाने में
तिरे गालों का तिल मिरे होठों का तिल रिश्तेदार कर रहा हमें
आओ मुस्कुरा कर बना भी लो मुझे अपना महबूब जान जिगर
तेरा मुझे घंटो तस्वीरों में देख शर्माना उफ़ इज़हार कर रहा हमें
लाल लाल साड़ी बेहाल अंदाज़ लबों पे गुस्ताखी नापाक ख्याल
और उसपे तेरा ज़ुल्फ़-ए-परेशान करना गिरफ्तार कर रहा हमें
यूँ तो आवाज़ तुम्हारी सुकून मेरा हर पल म’गर ये तेरा आज
प्यार से कामिल पुकारना मुक़म्मल कोई अशआर कर रहा हमें
हाँ बहर ए हाल अव्वल रहोगी तुम मुझे इश्क में बिगाड़ने को
ग़ज़ल पढ़ तेरा होंठ चबाते देख क़लम खबरदार कर रहा हमें
@कुनु