*बीमारी जो आई है, यह थोड़े दिन की बातें हैं (हिंदी गजल)*
बीमारी जो आई है, यह थोड़े दिन की बातें हैं (हिंदी गजल)
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1)
बीमारी जो आई है, यह थोड़े दिन की बातें हैं
दुख की बदली छाई है, यह थोड़े दिन की बातें हैं
2)
कभी बुढ़ापा आने से, बोलो किसका रुक पाया है
यौवन ऋतु महकाई है, यह थोड़े दिन की बातें हैं
3)
कई पीढ़ियों पहले हम, सब निर्धनता में जीते थे
ज्यादा आज कमाई है, यह थोड़े दिन की बातें हैं
4)
जीवन-मूल्यों को सहेज, निर्धनता में भी रख लेना
रोटी सूखी खाई है, यह थोड़े दिन की बातें हैं
5)
बड़े भाग्य से पद आया, इतराकर तो मत बैठो
कुर्सी तुमने पाई है, यह थोड़े दिन की बातें हैं
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451