Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2023 · 1 min read

बीबी ओ बीबी

बीबी ओ बीबी

सात फेरे लगा कर एक प्रेम का नगमा लाया
नया नवाली आई , पर्दे कर के आई
दिल में अनेकों ख्वाब दोनों के उभरे
सात फेरे का वचन दोनों खूब निभाने की खाई।

दहेज़ का जमाना था खुशी का उपहार लाई
कमी हमने ना रखा था किचन पर अधिकार उनका
मेरी हर पसीना की कमाई उनकी मायाजाल
हंसी खुशी दोनों का एक संसार, आंनद की बौछार
रखती वो मेरे आठ पहर का खयाल,सुट -बुट रखती तैयार
शादी की कुछ एक दिन बाद, एक है नटखट सा पहचान
‘कन्हैया’ करके पुकारते सब।

अब आया कहानी का एक नया शुरूआत
बोला करती वो नहीं भेजे कभी प्रेम संदेश
वह कहती हमसे ‘प्रेम नहीं करता तुम अब
प्रियतम रहते कौन दुनिया में अब’ ।
मैंने भी सोचा , बहुत समय बीत गया
दो प्रेम का लब्ज बोला अनेक दिन हो गया

अब उनकी बात मेरी समझ में आई
समय नहीं दे पाते उसे ,काम का रहता थोड़ी चाप
उसके पास बैठ कर बात करुगा दो प्यारे अल्फाज कहूंगा,
बाहर निकलकर पर बिना कारण मेसेज और फोन करूगा,
छुट्टी मिला तो रेसटोरेंट्स और पार्क का चक्र भी लगाऊंगा,
दो प्यार भरें बोल भी बोलुंगा ,आखिर जो है वह मेरा प्रेम

सात जन्मों का नाता है जीवन भर निभानी है
फिर वो कहेगी ‘प्रिए तुम हमसे प्रेम नहीं करते हो’
वो भी हमको पता है। इसमें छिपा स्नेह उनका
वो भी हमको पता है। बीबी ओ बीबी । ।

गौतम साव

Language: Hindi
1 Like · 235 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from goutam shaw
View all
You may also like:
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
Basant Bhagawan Roy
■ इनका इलाज ऊपर वाले के पास हो तो हो। नीचे तो है नहीं।।
■ इनका इलाज ऊपर वाले के पास हो तो हो। नीचे तो है नहीं।।
*Author प्रणय प्रभात*
चाह ले....
चाह ले....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अनुभव
अनुभव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सुनती हूँ
सुनती हूँ
Shweta Soni
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
हिय जुराने वाली मिताई पाना सुख का सागर पा जाना है!
हिय जुराने वाली मिताई पाना सुख का सागर पा जाना है!
Dr MusafiR BaithA
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
Rj Anand Prajapati
हिम्मत है तो मेरे साथ चलो!
हिम्मत है तो मेरे साथ चलो!
विमला महरिया मौज
"शाम की प्रतीक्षा में"
Ekta chitrangini
कौआ और कोयल ( दोस्ती )
कौआ और कोयल ( दोस्ती )
VINOD CHAUHAN
"डूबना"
Dr. Kishan tandon kranti
राम जैसा मनोभाव
राम जैसा मनोभाव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जय श्रीकृष्ण -चंद दोहे
जय श्रीकृष्ण -चंद दोहे
Om Prakash Nautiyal
प्रेम
प्रेम
Sanjay ' शून्य'
अंधेरों में मुझे धकेलकर छीन ली रौशनी मेरी,
अंधेरों में मुझे धकेलकर छीन ली रौशनी मेरी,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3048.*पूर्णिका*
3048.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"दोस्त-दोस्ती और पल"
Lohit Tamta
सत्य खोज लिया है जब
सत्य खोज लिया है जब
Buddha Prakash
दोहा मुक्तक
दोहा मुक्तक
sushil sarna
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
//...महापुरुष...//
//...महापुरुष...//
Chinta netam " मन "
बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन।
बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
एक ही निश्चित समय पर कोई भी प्राणी  किसी के साथ प्रेम ,  किस
एक ही निश्चित समय पर कोई भी प्राणी किसी के साथ प्रेम , किस
Seema Verma
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
संजय कुमार संजू
पंखा
पंखा
देवराज यादव
याराना
याराना
Skanda Joshi
Loading...