बीते पल
जो छूट गया उसका क्यूं मलाल करें,
जो हासिल है चलो उनसे ही सवाल करें,,
बहुत दूर तक जाते हैं यादों के काफिला
फिर क्यों बीती यादों में सुबह से शाम करें।
माना एक कमी सी है जिंदगी थमी सी है,
पर क्यों दिल की धड़कनों को दरकिनार करें।
मिल ही जाएगा जीने का कोई नया बहाना,
आ जरा इत्मीनान से किसी खास का इंतजार करें।
अकेले था अकेले है हम फिर भी,
अब बस जिंदगी की सफर पर सवार करें।
अनिल “आदर्श”