बीज और विचित्रताओं पर कुछ बात
डाला जाता है बीज
और उग आते हैं उससे
पौधे, जीव जन्तु
बीज के स्वभावानुसार
वैसे उगना बिना बीज के भी संभव होता है
और अनेरे बीज से भी
मगर कहना मुझे इन विचित्रताओं पर नहीं है
कहना यह है कि
मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप जैसे
गूगल हिंदी इनपुट योजित यंत्र के
की-पैड पर दबाता हूँ ’k’
और उग आता है अंग्रेजी का ’k’ और
हिंदी का ’क’, ’के’, ’का’, ’की’ और ’को’ समेत
दर्जन भर से अधिक विकल्प हमारी खातिर
जैसे एक बीज ही
इत्ते अलग अलग स्वभाव के अंकुरण को
सिरजने का रखता हो सामर्थ्य
है न कमाल की साइबर सृष्टि यह भी
विचित्रताओं से भरी किसी बात जैसी!