बिहारी
चुपचाप सहन करना।
मनोधैर्य का परिचय ॥
नहीं चाहिए , अपमान।
स्वयं स्वामी है स्वाभिमानी
भूखों में शान ।
गलियों की आन ।
बाढ़, नक्सलियों से परेशान,
देता है ,फिर भी ज्ञान
सीमित में असीमितता।
व्यक्ति की शान -स्वाभिमान
व्यावहारिक ,संवेदनशीलता और रिश्ता
इससे अच्छा कौन निभाता_ डॉ. सीमा कुमारी ,बिहार
(भागलपुर) दिनांक-8-3-09की स्वरचित रचना है मेरी जिसे आज प्रकाशित कर रही हूँ।