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26 May 2024 · 1 min read

बिसरे पन्ने और हम

बिसरे पन्ने और हम

भूले बिसरे पन्ने से
अचानक से किसी का झाँकना,

यादों के बादल में घिर
किसी का तारे सा टिम टीमाना,

काश कुछ यूँ सहर हो
और हो जाए हमारा आमना सामना,

धूल झाड़ वक़्त की
तुम भी थोड़ा मुस्कुराना……

समझ जाना की बात तुम्हारी ही है
बस थोड़ा सा याद कर हमें मंद सा मुस्कुराना।।।।

1 Like · 30 Views
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