बिल्ली रानी
बिल्ली रानी बड़ी सयानी आई मेरे घर
दूध, दही,खूब खाया रात में थी घर पर।
मम्मी,पापा,सो रहे थे न थी कोई खबर
बिली रानी बड़ी सयानी आई मेरे घर।
कूद कूद के नाच नाच खराब किया बिस्तर
मैंने बोलो ठहरो रात घर आगन मेरे ।
होगी सुबह मैं लूंगी तुम्हारी हर खबर
बिल्ली रानी बड़ी सयानी आई मेरे घर।
सुबह हुई उसको मैंने ढूंढ़ा इधर उधर
घर आंगन में उसको ढूंढ़ा न आई कहीं नजर
बिल्ली रानी बड़ी सयानी आई मेरे घर।
मैंने सोचा मारूंगी मिल जाए मुझको अगर
वह बोली चली जाऊंगी मैं यहां से ।
मेरी एक सर्त है मगर।
रोज मुझको तुम दूध दही खिलाओ अगर।
बिल्ली रानी बड़ी सयानी आई मेरे घर।
संजय कुमार✍️✍️