बिरहा
सितारों में सुबह नहीं होती ।
बादलों से जिरह नहीं होती ।
सूख जाएं बारिशें पलकों में
पानियों से सुलह नहीं होती ।
खराब मौसमों में सिहरती रातें
कोई कहे, किस तरह नहीं होतीं ।
बिछड़ी इक नदी पहाड़ से
पर समन्दर से कलह नहीं होती ।
मेरे सफर में उसका फ़साना
बस उसी से बिरह नहीं होती ।