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22 Feb 2024 · 1 min read

बिरहा

सितारों में सुबह नहीं होती ।
बादलों से जिरह नहीं होती ।

सूख जाएं बारिशें पलकों में
पानियों से सुलह नहीं होती ।

खराब मौसमों में सिहरती रातें
कोई कहे, किस तरह नहीं होतीं ।

बिछड़ी इक नदी पहाड़ से
पर समन्दर से कलह नहीं होती ।

मेरे सफर में उसका फ़साना
बस उसी से बिरह नहीं होती ।

Language: Hindi
118 Views
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