बिन गुनाहों के ही सज़ायाफ्ता है “रत्न”
चल बख्श दिए गुनाह तेरे सारेl
मुन्तज़िर हूँ,बस इक जवाब दे दे ll
मैं बावफ़ा न थी कभी ,माना l
तू गुज़रे सालो का हिसाब दे दे ll
कब से चल रहा है मुकदमा ये दिल का,
ख़तम कर,बयान चल मेरे खिलाफ दे दे ll
तेरी हकीक़तऔर सच तेरा खुदा जाने ,
मेरा तो तू खुदा था,मुझे इन्साफ दे दे ll
बिन गुनाहों के ही सज़ायाफ्ता है “रत्न”
मेरा दामन कर,इस दाग़ से साफ़ दे दे ll
मुन्तजिर -intzaar -प्रतीक्षा waiting for wait
बयान- गवाही,statement वक्तव्य
सजायाफ्ता- दण्डित, convicted