बिटिया
बिटिया
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परी लोक की गुड़िया बन बिटिया धरती पर आई,
संग में ढेरों खुशियाँ लायी,
सपनों को उम्मीद मिली
उम्मीदों का संसार बसा।
आस जगे कई कोरे दिल में
चाहतें अधरों पर मुस्काई,
खिला सुमन-सा यह जीवन
कंठ सुमंगल गुनगुनायी।
तेरे आने की सुचना पर
कहा लोगों ने दे अशीष
लक्ष्मी तेरी दुनियाँ में आई
किंतु सच है, मैनें दुनियाँ तुझ में पाई।
तेरा आना एक संयोग बना
सिंचना पुनित कर्तव्य हमारा,
तेरे जीवन की शुभकामना
मेरे जीवन का लक्ष्य बने ।
पथ के कांटे मुझे मिले सफर तेरा आसान चले,
साकार हो यह अंतिम सपना
आबाद रहे, खुशहाल बने
खुशियों से तेरी मेरे मन का विरान सजे।।
बेटियों को समर्पित कविता।
*मुक्ता रश्मि *