-जीवनसाथी –
-जीवनसाथी-
सुख दुःख में जो साथ निभाए,
वो होता है जीवनसाथी,
एक की पीड़ा दूसरा समझ जाए,
वो होता है जीवनसाथी,
सात फेरों के सात वचनो को जो निभाए,
वो होता है जीवनसाथी,
अगले जन्म का पता साथ नही फिर भी ,
सात जन्म तक साथ निभाने की,
ख्वाहिश दिल में जो पाले,
वो होता है जीवनसाथी,
हरक्षण हरपल जो साथ निभाए,
वो होता है जीवनसाथी,
दुनिया छोड़ दे जब तब एक का साथ,
दूसरा तब उसको संभाले,
एक दूसरे के है एक दूसरे के ही रहेंगे,
ऐसा कंठ से उच्चारित कर डाले,
वो होता है जीवनसाथी,
जीवन की विषमताओं में जो साथ निभाए,
वो होता है जीवनसाथी,
आज है कुबेर मेहरबान कल निर्धनता आ जाए,
समय परिवर्तनशील, गतिशील,
निर्धनता में जो साथ निंभाए,
वो होता है जीवनसाथी,
साथ जिएंगे साथ मरेंगे,
ऐसा आदर्श मन में धारे,
वो होता है जीवनसाथी,
कहता भरत आपसे उपरोक्त कसौटी पर जो खरा उतर जाए,
उसको ही तू गहलोत अपना जीवनसाथी बनाए,
✍️✍️✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान