बाल हिंसा(बाल दिवस २०२१)
आओ बाल दिवस मनाएं, बच्चों का बचपन लौटाएं
चाचा नेहरू के जन्म दिवस पर, दुनिया भर में अलख जगाएं
हिंसा पीड़ित बच्चों से, कराह रही मानवता
अज्ञान अशिक्षा गरीबी से, जाग रही दानवता
युद्ध और हिंसाओं में, बच्चे मारे जाते हैं
धर्म नस्ल आतंकबाद में, कई अनाथ हो जाते हैं
होते हैं सॉफ्ट टारगेट, यौन हिंसा शिकार हो जाते हैं
अज्ञान अशिक्षा गरीबी से, खरीदे बेचे जाते हैं
मजबूरी में बच्चों से, काम कराए जाते हैं
उठो गॉड के अनुयाई, अल्लाह के मानने वालों
उठो बुद्ध हे महावीर, भगवान को मानने वालों
एक निरंकार ईश्वर को, कई नाम से जानने वालों
उठो बाल हिंसा को रोको, प्रेम और करुणा बरसाओ
हिंसा और अज्ञान मिटाओ, बचपन उनको दे जाओ
बच्चे होते हैं निर्मल, रुप बाल कृष्ण र भगवान के
ना हो अत्याचार कहीं, देखो हृदय में ध्यान से
मासूमों को गले लगाओ, अपने-अपने अवदान से
,बसुरेश कुमार चतुर्वेदी