बाल कविता
कोयल की मिठी बोली जब
कु कु कु कर बुलाती है
कानों में कोयल कि सुर तब
पायस अमृत बन कर आती हैं
दादी,नानी जब सुनाकर कहानी
गुड़िया रानी को सुलाती है
गुड़िया रानी तब सपनों में
दादी को बहुत सताती है
गणेश नाथ तिवारी”विनायक”
श्रीकरपुर,सिवान
9523825251