बाल कविता: तोता
बाल कविता: तोता
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बैठ डाल पर बोले तोता,
मीठी मिश्री घोले तोता।
हरे पंख में लगता सुंदर,
जब आंगन में डोले तोता।।
बैठ डाल पर………..
मिट्ठू, पोपट इसका नाम,
सर्कस में भी करता काम।
सीखे शब्द नकल उतरे,
राज दिलों के खोले तोता।।
बैठ डाल पर………..
इसको जब भूख सताये,
लाल चोंच से मिर्ची खाये।
आम अमरूद चाव से खाकर,
मुँह पानी से धोले तोता।।
बैठ डाल पर………..
घर में भी है पाला जाता,
बच्चों को है बड़ा लुभाता।
इधर उधर उड़ता फिरता,
फिर पिंजरे में सो ले तोता।।
बैठ डाल पर………..
बैठ डाल पर बोले तोता,
मीठी मिश्री घोले तोता।
हरे पंख में लगता सुंदर,
जब आंगन में डोले तोता।।
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स्वरचित कविता 📝
✍️रचनाकार:
राजेश कुमार अर्जुन