Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jan 2021 · 1 min read

-बालिका। (बालिका दिवस)

मेरे आंगन की दो चिड़िया,
मम्मी-पापा की प्यारी गुड़िया,
न्यौछावर कर दे तुमको हम सारी खुशियां,
तुम दोनों हो हमारे दिल का टुकड़ा,
कौन कहता है, पराई होती है बिटिया!
दो घर की शहनाई होती है बिटिया,
अनुभवों से भर दे हम तुम्हारी गगरिया,
ताकि कभी छलके नहीं तुम्हारी अंखियां,
सीखा दे हर परेशानी से निपटना,
हौसलों से जकड़ी रहे तुम्हारी चुनरिया,
एक दिन छू लो दोनों गगनचुंबी यां
तुम दोनों हो हमारी लाडली बिटिया।
_ सीमा गुप्ता (अलवर)
,

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 224 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सत्य पर चलना बड़ा कठिन है
सत्य पर चलना बड़ा कठिन है
Udaya Narayan Singh
*माटी कहे कुम्हार से*
*माटी कहे कुम्हार से*
Harminder Kaur
मनुख
मनुख
श्रीहर्ष आचार्य
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
बाल कविता: मेरा कुत्ता
बाल कविता: मेरा कुत्ता
Rajesh Kumar Arjun
गिफ्ट में क्या दू सोचा उनको,
गिफ्ट में क्या दू सोचा उनको,
Yogendra Chaturwedi
आज अचानक आये थे
आज अचानक आये थे
Jitendra kumar
विराम चिह्न
विराम चिह्न
Neelam Sharma
23/204. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/204. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चलो यूं हंसकर भी गुजारे ज़िंदगी के ये चार दिन,
चलो यूं हंसकर भी गुजारे ज़िंदगी के ये चार दिन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ ख़ुमारी बादलों को भी रही,
कुछ ख़ुमारी बादलों को भी रही,
manjula chauhan
मानवता
मानवता
विजय कुमार अग्रवाल
बदली मन की भावना, बदली है  मनुहार।
बदली मन की भावना, बदली है मनुहार।
Arvind trivedi
★हसीन किरदार★
★हसीन किरदार★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
ସେହି କୁକୁର
ସେହି କୁକୁର
Otteri Selvakumar
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
Kanchan Khanna
"वाकया"
Dr. Kishan tandon kranti
आस्था और चुनौती
आस्था और चुनौती
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
*बिना तुम्हारे घर के भीतर, अब केवल सन्नाटा है ((गीत)*
*बिना तुम्हारे घर के भीतर, अब केवल सन्नाटा है ((गीत)*
Ravi Prakash
सुबह की चाय मिलाती हैं
सुबह की चाय मिलाती हैं
Neeraj Agarwal
राज़-ए-इश्क़ कहाँ छुपाया जाता है
राज़-ए-इश्क़ कहाँ छुपाया जाता है
शेखर सिंह
कभी अंधेरे में हम साया बना हो,
कभी अंधेरे में हम साया बना हो,
goutam shaw
"घूंघट नारी की आजादी पर वह पहरा है जिसमे पुरुष खुद को सहज मह
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
Phool gufran
हमनवा
हमनवा
Bodhisatva kastooriya
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
Sukoon
"संगठन परिवार है" एक जुमला या झूठ है। संगठन परिवार कभी नहीं
Sanjay ' शून्य'
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय प्रभात*
पुरानी पेंशन
पुरानी पेंशन
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
ख्याल........
ख्याल........
Naushaba Suriya
Loading...