बालगीत – सर्दी आई
सर्दी आई, सर्दी आई,
निकले कंबल और रजाई।
कूलर, पंखे बंद हुए हैं,
धूप सभी के मन को भाई।
कोहरा चादर तान रहा,
शीत लहर ने जान सुखाई।
लस्सी, कुल्फी छूट गये,
चाय, काॅफी की ऋतु आई।
मम्मी जैकेट नयी चाहिए,
स्वेटर के संग दे जो गरमाई।
मूंगफली, रेबड़ी दिला दो,
खायें मिलकर बहन – भाई।
रचनाकार :- कंचन खन्ना, मुरादाबाद,
(उ०प्र०; भारत)।
सर्वाधिकार, सुरक्षित ( रचनाकार )।
दिनांक :- ०८.१२.२०२०.