Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 1 min read

यादों की बारिश

याद तो उसकी बहुत आती है,
पर कुछ मजबूरी आड़े आती है,
बहुत कुछ कहना चाहे दिल,
पर एक दूरी साथ आती है
माना कि वो समझ लेता सब कुछ,
पर कह देने से इक राहत आती है…,
क्या कहे क्या न् कहे ,
ये तोड़ के बंधन ,
बस जज़्बात की आंधी आती है,
कहते हैं जिस्मों से भी क्या मिलना..,
पर उसकी खुशबू से न जाने क्यों?
कैसी ये आवारगी आती हैं?
छु कर भी छु नही सकते
फिर भी मिल सकूँ उनसे
चाहत की ऐसी बारिश आती है।
पूनम समर्थ (आगाज ये दिल)

Language: Hindi
1 Like · 112 Views

You may also like these posts

तेरी दुनिया में
तेरी दुनिया में
Dr fauzia Naseem shad
कोरोना काल में काल से बचने के लिए
कोरोना काल में काल से बचने के लिए "कोवी-शील्ड" का डोज़ लेने व
*प्रणय*
कलियों  से बनते फूल हैँ
कलियों से बनते फूल हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जुबान
जुबान
अखिलेश 'अखिल'
मन
मन
Shweta Soni
अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस
अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस
डॉ.सीमा अग्रवाल
शिक्षा एवं आजीविका
शिक्षा एवं आजीविका
Shyam Sundar Subramanian
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
Gouri tiwari
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
Vijay kumar Pandey
नया साल
नया साल
Arvina
बहू
बहू
Buddha Prakash
ऐसा कभी नही होगा
ऐसा कभी नही होगा
gurudeenverma198
बचपन याद आ रहा
बचपन याद आ रहा
Sandeep Kumar
" गुरुर "
Dr. Kishan tandon kranti
” मेरी लेखनी “
” मेरी लेखनी “
ज्योति
गुजर गया कोई
गुजर गया कोई
Surinder blackpen
കവിതയുടെ ജനനം
കവിതയുടെ ജനനം
Heera S
*बाद मरने के शरीर, तुरंत मिट्टी हो गया (मुक्तक)*
*बाद मरने के शरीर, तुरंत मिट्टी हो गया (मुक्तक)*
Ravi Prakash
गीत- कहो ख़ुद की सुनो सबकी...
गीत- कहो ख़ुद की सुनो सबकी...
आर.एस. 'प्रीतम'
Prapancha mahila mathru dinotsavam
Prapancha mahila mathru dinotsavam
jayanth kaweeshwar
मेरी पावन मधुशाला
मेरी पावन मधुशाला
Rambali Mishra
आजकल जिंदगी भी,
आजकल जिंदगी भी,
Umender kumar
डर - कहानी
डर - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
- तुम्हारी शरारत -
- तुम्हारी शरारत -
bharat gehlot
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
I am Yash Mehra
I am Yash Mehra
Yash mehra
अनपढ़ बनावे के साज़िश
अनपढ़ बनावे के साज़िश
Shekhar Chandra Mitra
*पानी केरा बुदबुदा*
*पानी केरा बुदबुदा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#काफिले
#काफिले
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
Loading...