बारिश
एल ई डी लाइट्स की सफेद रोशनी बारिश की बूंदों को और दुधिया कर देती है जैसे अंधकार में टिमटिमाते छोटे जुगनु अपने अल्प समाज को चमकीला कर देते हैं।शाम को सड़के बरसात से भीग रही हैं जो देह को फिर से ठंडा और शिथिल करने पर उतारू है।भीड़ का एक हिस्सा सीढ़ियों पर मोबाइल फोन हाथ में थामे बैठा है सिगरेट के धूएं की बू और गर्म कचौड़ियों की महक मौसम की आवोहवा में फैलती जा रही है।अहाते में खड़े लोग आसमां को देखते बारिश की बूदों को यौं छू रहे हैं मानो किसी ख़ास शख़्स की दुआ के लिए हाथ उठाए खड़े हो।मंज़र रोज़ आते है पर ऐसा ख़ास पल जो दिन को अपना बना दें यकीनन् वो लम्हा कुदरत का जान पड़ता है।जमीं का एक- एक कतरा गीला हो चुका है पर फिर भी वो सर झुकाए बारिश की बूदों के लिए आसक्त है•••
मनोज शर्मा