बारिश पर लिखे अशआर
कुछ लम्हे ऐसे गुज़रे
कुछ एहसास ऐसे बीते ।
कभी ली गुलों की खुशबू
कभी बारिशों में भीगे ।।
* इस दिल की ज़मीं पर
जब चाहे बरस जाएं ।
यादों की बारिश का ,
कोई मौसम नहीं होता ।।
* हो तेरे एतबार की बारिश ।
भीग जाऊं मेरी तमन्ना है ।।
* यादों की महकी खुशबू
ये साज़िशो का मौसम ।
दिल से गुज़र के निकले
ये बारिशों का मौसम ।।
* मुकम्मल हो नहीं पाई
अधूरी सी मुलाकाते ।
बिना बरसात के बरसीं
फिर आंखों से बरसातें ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद