बारिश की झड़ी
1. ये वारीश की झडि़या
ये खिलती कलियांँ
ये मस्तानी गलियाँँ
2. झूम उठी है फिर यह अखियाँँ
कल-कल करती नदियां
ये झर झर झर झरते झरने
3. ये मतवाले वन
झूमे फिर है मन
मेरे घर का मौसम भी कितना खुशगवार है
जैसे धरती को आसमान से प्यार है
Mangla kewat from hoshangabad mp