बारिश की अद्भुत कहानी
बारिश की अदभुद अलौकिक कहानी
जहाँ पानी के ऊपर गिरता है पानी
ना समुंदर ना कुँआ ना नदी ना झरने
फिर भी आसमान से देखो बरसता पानी है ।
जिन्हें कहते हैं बादल वो उड़ता हुआ पानी
आसमान का नही जमीन का ही है पानी
भर जाते नदी नाले जब गिरता है पानी
फिर भी आसमान में नही मिलता है पानी ।
क्या कभी किसी ने कभी ऊपर जाते देखा है पानी.?
क्या कभी किसी ने आसमान में फैलते देखा है पानी.?
तैरती है मछलियां नदी,झरने, सागरों में
मेघों में तो बस केवल तैरता पानी है ।
कभी बूंद तो कभी बर्फ बनकर गिरता है पानी,
हमेशा नहीं बस मौसम आने पर ही गिरता है पानी,
तैरता है ऐसे जैसे रुई के सफेद गोले हों गगन में,
पता नहीं कैसे आसमान में ठहरता है पानी ।
ना गिदला ना मैला एकदम स्वच्छ होता है पानी
पपीहा की प्यास मिटाता है यही पानी
धूल धूसर मृत हो चुके जंगल जमीन को
नव जीवन का हरा रंग देता है यही पानी ।
ये मोहब्बत की बड़ी अद्भुद दास्तान है
प्यासा गगन है प्यासी जमीन है
तड़फती है धरती उमड़ते है मेघ
बारिश की बूदों से बंधकर दोनों होते हैं एक..।
प्रशांत सोलंकी
नई दिल्ली-07