बाबू जी
जीवन मिला जिनसे, वो जीवनदाता हैं पिता !!
पुकारा जाए चाहे जिस भी भाषा में कहकर पापा, बाबा, बाबूजी हर बोली में
इनके लिए है वही प्यार और सम्मान भरा।।
थामे जिनकी उंगली बचपन चला
जिनकी मजबूत कांधों पर बैठकर दुनिया देखी।।
गोद पर बैठे किए नखरें ढ़ेर जिनके
जिन्होने अपने स्नेह से हमें बडा किया
वो हैं पिता..
छोटी से छोटी जीत पर भी जिनसे शाबाशी मिली
हर हार को जिन्होने सीख बताया निराशा को दुर भगाया
जीवन की सच्चाई से हमें रुबरू कराया
सही और गलत में अन्तंर समझाया
जिन्होने अपने बच्चों के सुख में ही अपना सुख पाया,
बच्चों के लिए, हर परेशानी हँसकर उठाया
जिनका पूरा संसार उनके बच्चों में ही है समाया वो हैं पिता
कभी कड़क हो जाते हैं तो कभी नरम बड़े
लगाते हैं पाबंदियाँ तो कभी देते हैं छूट पूरी
कभी हँसाते हैं तो कभी रुलाते हैं
कभी माँ की डाँट-मार से बचाते हैं तो कभी खुद ही चपत लगा देते हैं
प्यार से थपकी देकर सुलाते हैं तो
कभी खाना बनाकर अपने हाथों से खिलाते हैं
जरुरत हो तो माँ के भी सारे कतव्य निभातें हैं
दिन-रात मेहनत कर अपने बच्चों के भविष्य को सँवारते हैं
हर दिन हर पल उनके उज्जवल भविष्य के ही सपने बुनते जाते हैं
अपनी हर साँस को पिता अपने बच्चों पर लुटातें हैं
कभी कठोर होकर तो कभी मोम की भांति पिघल जाते हैं पिता
अपनी भूमिका कई रूप में निभातें हैं
धूप गर जलाए छाँव बन जातें हैं
वहीं समय आनेपर उसी धूप में तपाकर जीना सिखातें हैं
बातें जिनकी हमेशा माग्रदशन कराती है
कठिनाईयों से लड़ते हुए विपरीत परिस्थिति में भी अपने सिद्धांतों पर चलना सिखाते हैं
साथ में हों या याद में इनकी उपस्थिति हमेशा मन को सूकून पहुँचाती है
पिता हैं वो जिनसे बच्चों की दुनिया जगमगाती है
जिनकी बातें हमेशा हमारा मार्गदर्शन करती हैं, ऐसे होते हैं पिता
कठिनाइयों में हमेशा लड़ने का हौसला देते जाते हैं पिता
विपरीत परिस्थिति में भी सिद्धांतों पर चलना सिखाते हैं पिता
यादें जिनकी हमेशा सुकून पहुँचाती है, ऐसे होते हैं पिता
जिनकी वजह से हर बच्चे की दुनिया जगमगाती है, ऐसे होते हैं पिता