बाबा साहेब जन्मोत्सव
बाबा साहेब भीमराव रामजी अम्बेडकर, पर जितने संगठन और शोध, चल रहे है, उन्हें जानकर, ऐसा लगता है, जो उनकी कार्य शैली रही,
उसको समझने में और क्रियान्वित करने में सभी असफल रहे है,
उनके विशाल व्यक्तित्व को सीमित करने का काम अवश्य दिखाई दे रहा है,
हाँ कोई भी दल/संगठन उनके नाम से , वोटों का कटोरा, लिए अवश्य घूमते नजर आते है,
उनके दर्शन और महान् वैधानिक दस्तावेज पर कोई काम करते नजर नहीं आता,
जिस तरह से उन्होंने निजी जीवन से हटकर काम किए,
उनके त्याग/सेवा/प्रेम/अहिंसा के प्रणेता, बुद्धं शरणं गच्छामि
धम्मं शरणं गच्छामि
संघं शरणं गच्छामि
के निर्णय ने सबको चौंका दिया.