Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Dec 2019 · 1 min read

बाबा तेरी लाडली,फिर से हुई शिकार

बाबा तेरी लाडली,फिर से हुई शिकार
आये माधव भी नहीं, सुनकर वही पुकार

माँ करती थी रात दिन, मेरा बड़ा दुलार
बाबा तूने भी दिया , मुझे असीमित प्यार
अब समझी हूँ तात मैं, तेरे दिल की बात
क्यों बाहर के नाम पर, तुम करते इनकार
बाबा तेरी लाडली,फिर से हुई शिकार

दिखने में वो जानवर, इतने थे खूंखार
चीखी भी मैं जोर से, लेकिन सब बेकार
बाबुल तू भी था नहीं, उस दिन मेरे पास
लड़ते लड़ते मैं गई, अपना जीवन हार
बाबा तेरी लाडली,फिर से हुई शिकार

अंधा क्यों कानून ये , चुप भी क्यों सरकार
सड़कों पर अब लग रहा, गुंडों का दरबार
इसीलिये तो नारियाँ , डर से हैं भयभीत
सरे आम ही हो रहा, है अस्मत पर वार
बाबा तेरी लाडली,फिर से हुई शिकार

01-12-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 2 Comments · 433 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
International Self Care Day
International Self Care Day
Tushar Jagawat
पितु बचन मान कर बनवास चले रघुराई।
पितु बचन मान कर बनवास चले रघुराई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
प्यार खुद से कभी, तुम करो तो सही।
प्यार खुद से कभी, तुम करो तो सही।
Mamta Gupta
आपका समाज जितना ज्यादा होगा!
आपका समाज जितना ज्यादा होगा!
Suraj kushwaha
अकेले
अकेले
Dr.Pratibha Prakash
#शारदीय_नवरात्रा_महापर्व
#शारदीय_नवरात्रा_महापर्व
*प्रणय*
💐💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐💐
💐💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
जीवन में जागरूकता कैसे लाएँ। - रविकेश झा
जीवन में जागरूकता कैसे लाएँ। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
4484.*पूर्णिका*
4484.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किसी के प्रति बहुल प्रेम भी
किसी के प्रति बहुल प्रेम भी
Ajit Kumar "Karn"
आज फ़िर एक
आज फ़िर एक
हिमांशु Kulshrestha
जब कोई कहे आप लायक नहीं हो किसी के लिए
जब कोई कहे आप लायक नहीं हो किसी के लिए
Sonam Puneet Dubey
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
विनोद सिल्ला
मेरे हाथों से छूट गई वो नाजुक सी डोर,
मेरे हाथों से छूट गई वो नाजुक सी डोर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जब  तक  साँसें  चलती  है, कोई  प्रयत्न  कर  ले।
जब तक साँसें चलती है, कोई प्रयत्न कर ले।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कुछ भी भूलती नहीं मैं,
कुछ भी भूलती नहीं मैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सब्र का बांँध यदि टूट गया
सब्र का बांँध यदि टूट गया
Buddha Prakash
The thing which is there is not wanted
The thing which is there is not wanted
कवि दीपक बवेजा
माला फेरें राम की,
माला फेरें राम की,
sushil sarna
"मुझे पता है"
Dr. Kishan tandon kranti
*जीवन साथी धन्य है, नमस्कार सौ बार (पॉंच दोहे)*
*जीवन साथी धन्य है, नमस्कार सौ बार (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
Anil Kumar
पत्नी की पहचान
पत्नी की पहचान
Pratibha Pandey
जीवन में कला , संवेदनाओं की वाहक है
जीवन में कला , संवेदनाओं की वाहक है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
नशीहतें आज भी बहुत देते हैं जमाने में रहने की
नशीहतें आज भी बहुत देते हैं जमाने में रहने की
शिव प्रताप लोधी
‘ विरोधरस ‘---5. तेवरी में विरोधरस -- रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---5. तेवरी में विरोधरस -- रमेशराज
कवि रमेशराज
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
सत्य छिपकर तू कहां बैठा है।
सत्य छिपकर तू कहां बैठा है।
Taj Mohammad
ग़़ज़ल
ग़़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
सत्य जब तक
सत्य जब तक
Shweta Soni
Loading...