बाबा केदारनाथ जी
जै जै जै बाबा केदारनाथ की!
शिवशम्भू दीनौ के दीनानाथ की!!
ब्रह्मा करै उत्पत्ति,विष्णु पालन हार,
तुम करो संघार,फिर भी विश्व करै जैकार!!
तुम भोले भंडारी,थर थर कापै दुनिया सारी!
जब जब संकट पडौ जग पर तुमने ही तौ तारी!!
पीय हलाहल समुद्र मंथन कौ, कहलाए नीलकंठ!
अर्ध नारीश्वर छवि रख,किए नर-नारी सम अधिकारी!!