बाबर के वंशज
बाबर की बर्बरता की गवाही, आज भी देती है अवध की भूमि।
कई लाशों के ढ़ेर पे चढ़ते हुए, उसने राज-गद्दी की थाती चूमी।
हर बार भरोसा दिलाया गया, अन्त में सारे हिंदुओं से हुई दगा।
अब भला किस पर भरोसा करते, यहाँ हमें कोई न मिला सगा।
जिन्हें अधर्म पे शर्म न आए, उनका तो अंतर्मन भी निर्लज्ज है।
जो दूसरों के हक़ की ज़मीन छीनें, वो सभी बाबर के वंशज हैं।
मुगल सल्तनत के नीचे दबकर, बहुत सारे परिवार बर्बाद हुए।
जिस किसी का इनसे नाता रहा, वो स्वयं कभी न आबाद हुए।
उसने मंदिरों को तोड़कर, उनके स्थान पर मस्जिदें बना डालीं।
हमारी आस्था को ठेस लगाकर, धर्म की पोथियाॅं जला डालीं।
जो सदा विध्वंस को आतुर दिखें, वो सभी सोच से विदेशज हैं।
जो दूसरों के हक़ की ज़मीन छीनें, वो सभी बाबर के वंशज हैं।
जब धर्म के रण में उतरने लगे, पुजारी, साधु और महात्मा संत।
तब धीरे-धीरे होने लगा था, सर्वस्व अधर्म के अंधकार का अंत।
धर्म की इस व्यापक रैली को, जब युवाओं का साथ मिल गया।
तब अधर्मियों का दिल तो क्या, समूचा सिंहासन भी हिल गया।
उनका तेज इस विश्व में चमके, जैसे कोई प्रकाशवान सूरज है।
जो दूसरों के हक़ की ज़मीन छीनें, वो सभी बाबर के वंशज हैं।
जब भी समय परीक्षा लेगा, तो सबसे आगे देश का बेटा रहेगा।
जिस पथ पे शूल ही बिछे होंगे, उस पथ पे युवावर्ग लेटा रहेगा।
जो यौवन कल्याण का साक्षी होगा, वो सदा युग प्रणेता रहेगा।
कोठारी बंधुओं का अमर त्याग, पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।
जो धर्म में स्वयं समर्पित होते, वे सनातन का लहराता ध्वज हैं।
जो दूसरों के हक़ की ज़मीन छीनें, वो सभी बाबर के वंशज हैं।