बापू
सपनोँ क़ि चाहत के अरमानो कि मैं दुनियां मैं उनका भाग्य मेरे वो भगवान् पिता भगवान हमारे मैं उनकी संतान।।
रखा पहला कदम जब धरती पर बजे दोल मृदंग थाल।।
उनके जीवन की खुशियो क़ी मैं मूल्यवान् सौगात।।
बड़े शान से दुनियां को बतलाया मेरे कुल का दीपक चिराग।।
कुल मर्यादा महिमा का वर्तमान मेरे सद कर्मो का परिणाम लाडला मेरी संतान।।
मेरी उम्मीदों की दुनियां का प्रज्वालित मशाल मेरी संतान ।।
शक्ति क्षमता प्यार परिवारिस से दूंगा शिक्षा संस्कृत संसकार लालन पालन संकल्पों अभिमान।।
यज्ञ हमारा अपने खून पसीने की दूंगा आहुति मेरे मकसद मंज़िल का अभिमान मेरी संतान मैं पिता बगवान।।
जब से दुनियां में आया बेटा मैं
आदर्श पिता हमारे हर सुबह शाम अपनी किस्मत पर होते निहाल।।
उनकी चौड़ी छाती आँखों का वर्तमान भविष्य की थाती और आशाओं का अभिमान ।।