बापू तुम्हे आना होगा !
बापू तुम्हे आना होगा,
पाठ अहिंसा का पढ़ना होगा।
देखो देश तुम्हारा जल रहा,
अन्याय लोगों को खल रहा।
प्रेम से, देखो कोई नहीं बोलता,
बात बात पर सबका खूं खौलता।
घृणा और द्वेष का वातावरण है,
झूठ और फरेब का आवरण है।
आकर देखो कैसी हालत हो गई,
व्यवस्था की कैसी गारत हो गई।
शासन के द्वारा ही शोषण हो रहा,
भ्रष्टाचार से सबका पोषण हो रहा।
देखो बापू देश की ये राजनीति,
झूठ भ्रष्टाचार और है अनीति।
दागी लोग सब अब नेता हो गए,
सांसद भी देखो अभिनेता हो गए।
आलोचना अब कोई सुनता नहीं,
भाव सच्चे अब कोई बुनता नही।
तिकड़म बाजी का खेल हो रहा,
चोर उच्चकों का मेल हो रहा।
शरीफों की अब कौन वकालत करे,
सत्ता से भला कौन अदावात करे।
अच्छे लोग बेबस और लाचार हुए,
बंधक जैसे अब तो विचार हुए।
देखो देश तुम्हारा अब रो रहा,
भाव अहिंसा वाल भी खो रहा।
गरीब मजलूम देखो बेकरार हैं
दबंग लोगों की ऐसी सरकार है।
बापू तुम्हे आना होगा,
राह फिर सबको दिखाना होगा।
जो बेबस और लाचार हुए,
हौसला उनका बढ़ाना होगा।
बापू तुम्हे आना होगा।